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आखिर कब खत्म होगा सौतेला व्यवहार? बिजली संकट से जूझ रहे ग्रामीण, उठने लगी आंदोलन की आवाज

सेहरामऊ उत्तरी: आखिर कब खत्म होगा सौतेला व्यवहार? बिजली संकट से जूझ रहे ग्रामीण, उठने लगी आंदोलन की आवाज


SvasJsNews
पुरनपुर/पीलीभीत।
94 गांवों को शाहजहांपुर से काटकर पीलीभीत में मिलाया गया था, ताकि विकास की रफ्तार तेज हो, सरकारी योजनाओं का लाभ आसानी से मिल सके और ग्रामीणों का जीवन बेहतर बने। लेकिन दुर्भाग्य की बात है कि इस ऐतिहासिक बदलाव के बाद भी ग्राम पंचायत सेहरामऊ उत्तरी के लोगों की तकदीर नहीं बदली। आज भी इस पंचायत के साथ सौतेला व्यवहार किया जा रहा है और ग्रामीण बुनियादी सुविधाओं को तरस रहे हैं।

बिजली संकट से बेहाल सेहरामऊ उत्तरी:

सेहरामऊ उत्तरी पंचायत आज भी बिजली की समस्या से जूझ रही है। गांव आज भी खुटार पावर हाउस से बिजली आपूर्ति पर निर्भर है, जबकि यह पावर हाउस गांव से काफी दूर है। इससे लाइन में तकनीकी समस्याएं आती रहती हैं और घंटों बिजली गुल रहती है। वहीं बगल का ही गांव दुर्जनपुर कला हरिपुर पावर हाउस, पीलीभीत से जुड़ा है और वहां नियमित और पर्याप्त बिजली मिल रही है। सवाल यह उठता है कि जब एक ही इलाके में दो गांवों को अलग-अलग पावर हाउस से बिजली दी जा सकती है, तो सेहरामऊ उत्तरी को पीलीभीत के पावर हाउस से बिजली क्यों नहीं दी जा रही?

बार-बार की गई शिकायतें बेअसर

ग्रामीणों ने कई बार जनप्रतिनिधियों, बिजली विभाग के अधिकारियों और प्रशासनिक अफसरों से गुहार लगाई। अधिकारियों को ज्ञापन दिए गए, फोन किए गए, पर समस्या जस की तस बनी हुई है। अधिकारी यह कहकर पल्ला झाड़ लेते हैं कि यह मामला दूसरे जनपद का है। आखिर पीलीभीत का हिस्सा बनने के बाद भी सेहरामऊ उत्तरी को शाहजहांपुर पर निर्भर क्यों रखा गया है?

कुकर आंदोलन की चेतावनी

SvasJsNews संवाददाता से बात करते हुए ग्रामीणों ने साफ शब्दों में चेतावनी दी कि अगर जल्द ही उनकी ग्राम पंचायत की बिजली आपूर्ति पीलीभीत पावर हाउस से नहीं जोड़ी गई, तो वे कुकर आंदोलन करने को मजबूर होंगे। उनका कहना है कि इस भीषण गर्मी में उनके परिवार, बुजुर्ग और छोटे बच्चे लगातार बिजली की कटौती से परेशान हैं। पढ़ाई प्रभावित हो रही है, किसान अपनी मोटरों से सिंचाई नहीं कर पा रहे, और व्यापारिक गतिविधियां भी ठप हैं।

जिम्मेदार कौन?

सवाल यह है कि क्या विभागीय अधिकारी और जनप्रतिनिधि अपनी जिम्मेदारी से बच सकते हैं? क्या यह मामला सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद भी ठंडे बस्ते में डाल दिया जाएगा? अगर ऐसा हुआ तो यह न केवल विभागीय संवेदनहीनता को उजागर करेगा बल्कि ग्रामीणों के गुस्से का कारण भी बनेगा।

👉 SvasJsNews की अपील: संबंधित अधिकारी और विभागीय कर्मचारी इस समस्या को प्राथमिकता पर लें और सेहरामऊ उत्तरी ग्राम पंचायत की बिजली आपूर्ति को पीलीभीत पावर हाउस से जोड़ने की प्रक्रिया तत्काल प्रारंभ करें। अन्यथा आने वाले दिनों में यह मामला बड़े जनआंदोलन का रूप ले सकता है।

👉 ग्रामीणों की आवाज़ को बुलंद करने के लिए इस खबर को अधिक से अधिक शेयर करें और अपनी राय कमेंट करें। क्या आपके क्षेत्र में भी ऐसी ही समस्या है? हमें बताएं।

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