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नहर विभाग की भूमि पर भू-माफियाओं का कब्जा, प्रशासन की निष्क्रियता से कानून व्यवस्था पर प्रश्नचिन्ह

📰 नहर विभाग की भूमि पर भू-माफियाओं का कब्जा, प्रशासन की निष्क्रियता से कानून व्यवस्था पर प्रश्नचिन्ह

SvasJs News | पूरनपुर / पीलीभीत

पूरनपुर तहसील की ग्राम पंचायत जगतपुर में स्थित नहर कोठी (सिंचाई खंड प्रथम लखीमपुर खीरी) की करोड़ों रुपये मूल्य की सरकारी भूमि पर भू-माफियाओं का वर्षों पुराना कब्जा शासन-प्रशासन की निष्क्रियता और भ्रष्ट तंत्र की पोल खोल रहा है।

➡️ वर्षों से नहर विभाग की भूमि पर अवैध कब्जा जारी
➡️ सरकारी वृक्षारोपण योजना को बर्बाद कर उखाड़े गए पेड़
➡️ नहर विभाग की बाउंड्री वॉल के भीतर धान की फसल की तैयारी
➡️ पूर्व कर्मचारी विभाग की आड़ में अवैध कब्जे को दे रहा अंजाम
➡️ वर्तमान कर्मचारी नदारद, सेवा नियमों का घोर उल्लंघन

सूत्रों के अनुसार, सरकार द्वारा लाखों रुपये खर्च कर नहर विभाग की भूमि पर किए गए वृक्षारोपण को भू-माफियाओं ने जमींदोज कर दिया। अब धड़ल्ले से नहर की भूमि को निजी खेतों की तरह इस्तेमाल कर धान की फसल की तैयारी की जा रही है।

चौंकाने वाली बात यह है कि नहर विभाग का एक रिटायर कर्मचारी, जो विभाग से सेवा मुक्त होने के बाद भी सरकारी भूमि पर अवैध कब्जा जमाए बैठा है, पूरे घटनाक्रम का मुख्य सूत्रधार है। यह व्यक्ति विभागीय भ्रष्टाचार का लाभ उठाकर आज भी सरकारी जमीन को अपनी जागीर मान बैठा है। वहीं नहर विभाग के कई मौजूदा कर्मचारी ड्यूटी से नदारद रहकर विभागीय अनुशासन और सेवा नियमों की धज्जियां उड़ा रहे हैं।

प्रशासन की निष्क्रियता से जनता में आक्रोश
जब यह मामला सोशल मीडिया पर वायरल हुआ तो प्रशासन हरकत में आया। संबंधित अधिकारी मौके पर पहुंचे और मामला दबाने की नाकाम कोशिश करते हुए कहा कि भूमि की सफाई कराई जा रही थी। लेकिन सच्चाई यह है कि वर्षों पहले लगाए गए पौधों का निशान तक मिटा दिया गया है और अवैध खेती की खुली छूट दे दी गई है।

कानून व्यवस्था पर बड़ा सवाल
यह प्रकरण न केवल नहर विभाग की लापरवाही बल्कि जिला प्रशासन की कार्यप्रणाली पर भी बड़ा सवाल खड़ा करता है। सरकारी भूमि पर खुलेआम कब्जा और प्रशासन की चुप्पी क्या भू-माफियाओं के हौसले बुलंद करने के लिए काफी नहीं है?

जनता की मांग — सख्त कार्रवाई हो
जनता का कहना है कि यदि प्रशासन ने शीघ्र सख्त कदम नहीं उठाए तो न केवल नहर विभाग की भूमि पर अवैध कब्जा स्थायी हो जाएगा, बल्कि शासन की कानून व्यवस्था की विश्वसनीयता पर भी प्रश्नचिन्ह लग जाएगा।

👉 अब देखना यह है कि क्या प्रशासन भू-माफियाओं और भ्रष्ट कर्मचारियों पर शिकंजा कस पाएगा या फिर यह मामला भी फाइलों में दबकर रह जाएगा?
👉 क्या नहर विभाग अपनी जमीन को कब्जा मुक्त करा पाएगा या फिर सरकारी जमीन पर दबंगई का खेल यूं ही चलता रहेगा?

SvasJs News आपकी आवाज़ को उठाता रहेगा, जिम्मेदारों की अगली कार्रवाई पर नजर बनाए हुए है।

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