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इंडिगो संकट का छठा दिन—यात्रियों की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रहीं

इंडिगो संकट का छठा दिन—यात्रियों की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रहीं

SvasJsNews • Special रिपोर्ट

देश की सबसे बड़ी प्राइवेट एयरलाइन इंडिगो पिछले छह दिनों से गहरे संकट का सामना कर रही है। यह समस्या 2 दिसंबर से शुरू हुई थी और अब तक इसका असर पूरे देश के विमानन सिस्टम पर स्पष्ट रूप से दिखाई दे रहा है। स्थिति यह है कि केवल छह दिनों में 3900 से अधिक उड़ानें रद्द की जा चुकी हैं, जिससे लाखों यात्रियों की यात्रा योजनाएँ प्रभावित हुई हैं। एयरलाइन के शेड्यूल में लगातार बदलाव और अचानक कैंसिलेशन से यात्रियों में भारी नाराजगी देखी जा रही है।

आज छठे दिन भी हालात सामान्य नहीं हो पाए हैं। दिल्ली, श्रीनगर, हैदराबाद, और बेंगलुरु जैसे व्यस्ततम एयरपोर्ट्स पर 250 से अधिक उड़ानें रद्द होने की पुष्टि की गई है। राजधानी दिल्ली का IGI एयरपोर्ट सबसे ज्यादा दबाव झेल रहा है, जहां यात्रियों की लंबी कतारें, बोर्डिंग काउंटरों के बाहर अफरा-तफरी जैसी स्थिति और उड़ान रद्द होने की घोषणाओं से बेचैनी लगातार बढ़ती जा रही है। सोशल मीडिया पर यात्रियों के वीडियो और शिकायतें वायरल हो रही हैं, जिनमें वे एयरलाइन से जवाबदेही की मांग कर रहे हैं।

(दिल्ली एयरपोर्ट पर सामान और आदमी)

एयरलाइन की ओर से जारी बयान में तकनीकी और परिचालन संबंधी चुनौतियों का जिक्र किया गया है, लेकिन अंदरूनी सूत्रों के अनुसार, स्टाफ की कमी, तकनीकी मेंटेनेंस और मैनेजमेंट लेवल पर तालमेल की दिक्कतें मुख्य कारण बताई जा रही हैं। यात्रियों का कहना है कि न तो स्पष्ट सूचना दी जा रही है और न ही वैकल्पिक व्यवस्था उपलब्ध कराई जा रही, जिससे परेशानियां और बढ़ रही हैं। नागरिक उड्डयन मंत्रालय भी इस मामले पर नजर बनाए हुए है और इंडिगो से विस्तृत रिपोर्ट मांगी गई है। स्थिति कब सामान्य होगी, इसका अभी तक कोई आधिकारिक अनुमान नहीं, लेकिन इंडिगो की ये अव्यवस्थाएँ देश की विमानन व्यवस्था पर गहरा सवाल खड़ा कर रही हैं।


(यह तस्वीर दिल्ली IGI एयरपोर्ट की है, जहां यात्रियों की भीड़ और अव्यवस्था साफ दिखाई दे रही है।)

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