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इंडिगो विवाद पर राजनीति गरमाई: अखिलेश यादव का बड़ा हमला, सोशल मीडिया पर वीडियो वायरल

दीपक सिंह

SvasJsNews विशेष राजनीतिक रिपोर्ट


इंडिगो विवाद पर राजनीति गरमाई: अखिलेश यादव का बड़ा हमला, सोशल मीडिया पर वीडियो वायरल

इंडिगो एयरलाइंस से जुड़े हालिया विवाद को लेकर देश की सियासत एक बार फिर गर्म हो गई है। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने केंद्र सरकार पर तीखा हमला बोलते हुए कहा है कि सरकार का एयरलाइंस पर बिल्कुल भी नियंत्रण नहीं है क्योंकि सत्ता पक्ष ने कथित तौर पर इंडिगो से “इलेक्टोरल बॉन्ड” के माध्यम से धन लिया था। अखिलेश यादव का यह बयान सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है और राजनीतिक बहस को एक नई दिशा दे चुका है।

अखिलेश यादव ने अपने बयान में कहा,

“सरकार का इंडिगो पर कोई नियंत्रण नहीं है। वजह साफ है—इंडिगो से इन्होंने इलेक्टोरल बांड के नाम पर पैसा लिया था। जिसका दाना, उसका गाना… सरकार पूंजीपतियों के दबाव में काम कर रही है।”

उनका यह बयान तब सामने आया है जब इंडिगो को लेकर सोशल मीडिया पर कई वीडियो, शिकायतें और यात्रियों के अनुभव तेजी से वायरल हो रहे हैं। इनमें यात्रियों की समस्याएँ, उड़ान देरी और कंपनी की सेवा गुणवत्ता को लेकर गंभीर सवाल उठते दिखाई दे रहे हैं। विपक्ष ने इन मुद्दों को सरकार की “नियामक विफलता” और “कॉर्पोरेट दबाव” से जोड़ते हुए हमले और तेज कर दिए हैं।

वीडियो वायरल होने के बाद सपा सुप्रीमो का यह बयान इंटरनेट पर बड़ी संख्या में साझा किया जा रहा है। ट्विटर, फेसबुक और इंस्टाग्राम जैसे प्लेटफॉर्म पर यह क्लिप लाखों व्यूज़ हासिल कर चुकी है। जहाँ विपक्ष सरकार की कार्यप्रणाली और कॉरपोरेट नज़दीकियों की आलोचना कर रहा है, वहीं भाजपा समर्थक इसे “राजनीतिक बयानबाजी” बताते हुए खारिज कर रहे हैं।

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सपा की ओर से यह भी आरोप लगाया गया है कि केंद्र सरकार सिर्फ चुनिंदा पूंजीपतियों का समर्थन करती है और आम यात्रियों की समस्याओं को नजरअंदाज कर रही है। पार्टी के नेताओं ने कहा है कि एयरलाइंस से जुड़ी शिकायतें बढ़ती जा रही हैं, लेकिन DGCA और केंद्र सरकार की ओर से “सख्त कार्रवाई” की कोई झलक नहीं दिखती।

इधर, राजनीतिक गलियारों में यह भी चर्चा है कि विपक्ष आगामी लोकसभा चुनावों से पहले “इलेक्टोरल बॉन्ड” को एक बड़े मुद्दे के रूप में उठाने की तैयारी कर रहा है। इंडिगो पर दिए गए अखिलेश यादव के बयान को उसी रणनीति का हिस्सा माना जा रहा है।

सोशल मीडिया पर जनता भी इस मुद्दे पर बंटी नजर आ रही है। कुछ लोग एयरलाइंस की सेवाओं पर सवाल उठा रहे हैं, जबकि कई लोग इस मुद्दे को “राजनीतिक रंग” देने का आरोप लगा रहे हैं। कुल मिलाकर, इंडिगो विवाद अब एक साधारण ग्राहक शिकायत का मुद्दा नहीं रहा, बल्कि यह एक राजनीतिक टकराव और पूंजीवाद बनाम जनहित की बहस का केंद्र बन चुका है।

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