MP Board ने बदला एग्जाम पैटर्न, अब खत्म हुआ ‘बेस्ट ऑफ फाइव’ नियम

MP Board ने बदला एग्जाम पैटर्न, अब खत्म हुआ ‘बेस्ट ऑफ फाइव’ नियम
SvasJsNews | भोपाल रिपोर्ट
मध्यप्रदेश माध्यमिक शिक्षा मंडल (MP Board) ने नौवीं कक्षा की वार्षिक परीक्षा के लिए बड़ा बदलाव किया है। अब ‘बेस्ट ऑफ फाइव’ योजना समाप्त कर दी गई है, जिसके तहत छात्रों को पांच विषयों में न्यूनतम 33 प्रतिशत अंक लाने पर छठे विषय में भी पास मान लिया जाता था।
पिछले वर्षों में करीब 1.25 लाख से अधिक विद्यार्थियों को इसका लाभ मिला था, विशेषकर गणित, विज्ञान और अंग्रेजी जैसे विषयों में। अब इस योजना के हटने से परीक्षा परिणामों पर असर पड़ने की संभावना जताई जा रही है।
🔹 कमजोर छात्रों के लिए रेमेडियल कक्षाएं
स्कूल शिक्षा विभाग ने इस बदलाव के बाद रेमेडियल (अतिरिक्त सहायता) कक्षाओं पर जोर बढ़ा दिया है। सभी प्राचार्यों को निर्देश दिए गए हैं कि वे कमजोर विद्यार्थियों की पहचान कर विशेष कक्षाएं लगाएं।
अधिकारियों को रोजाना स्कूल निरीक्षण कर रिपोर्ट भेजनी होगी, जिसमें शिक्षकों की उपस्थिति और रेमेडियल कक्षाओं के संचालन की निगरानी शामिल होगी।
🔹 2027-28 सत्र से 10वीं में भी खत्म होगी योजना
फरवरी 2026 की नौवीं कक्षा की परीक्षा में ‘बेस्ट ऑफ फाइव’ लागू नहीं होगा। इसके बाद सत्र 2027-28 से 10वीं कक्षा में भी यह योजना समाप्त हो जाएगी।
अब से नौवीं की वार्षिक परीक्षा में तिमाही और छमाही परीक्षा के अंक (5-5%) को जोड़कर अंतिम परिणाम तैयार किया जाएगा।
🔹 मॉडल पेपर भी स्कूलों में हल करवाए जाएंगे
मप्र बोर्ड जल्द ही 10वीं-12वीं कक्षाओं के मॉडल पेपर वेबसाइट पर जारी करेगा। इन्हें स्कूलों में छात्रों से हल करवाया जाएगा ताकि उन्हें बोर्ड परीक्षा पैटर्न और प्रश्न संरचना की बेहतर समझ मिल सके।
शिक्षकों को यह भी निर्देश दिए गए हैं कि वे विद्यार्थियों को शब्द सीमा और अंक योजना के अनुसार उत्तर लिखने की प्रक्रिया सिखाएं।
🔹 फरवरी से शुरू होंगी बोर्ड परीक्षाएं
मप्र बोर्ड की 10वीं और 12वीं कक्षाओं की परीक्षाएं 7 फरवरी से शुरू होंगी। इसके लिए मंडल ने विषय विशेषज्ञ शिक्षकों का प्रशिक्षण शुरू कर दिया है।
यह प्रशिक्षण नवंबर तक जारी रहेगा, जिसमें प्रश्नपत्र निर्माण से लेकर मूल्यांकन प्रक्रिया तक की जानकारी दी जा रही है। प्रशिक्षित शिक्षक बाद में अपने जिलों में अन्य शिक्षकों को भी यह प्रशिक्षण देंगे।